वो सर्दी की सुनहरी धुप सा मैं साँझ की बढ़ती ठण्ड सी ! वो सर्दी की सुनहरी धुप सा मैं साँझ की बढ़ती ठण्ड सी !
थोड़ा तो सब्र रखो देखो आज मोर भी बोल रहा है। रिमझिम बारिश का कहीं आग़ाज़ नहीं है थोड़ा तो सब्र रखो देखो आज मोर भी बोल रहा है। रिमझिम बारिश का कहीं आग़ाज़ नहीं...
वो महल भी सपनों का, अब आज से सुंदर था। वो महल भी सपनों का, अब आज से सुंदर था।
मेरे बीते किरदार का मुझसे आज भी वास्ता, क्या है ? मेरे बीते किरदार का मुझसे आज भी वास्ता, क्या है ?
सपने हमेशा बड़े देखना चाहिए। ताकि उसे पूरा करने में सारी कायनात लग जाए। सपने हमेशा बड़े देखना चाहिए। ताकि उसे पूरा करने में सारी कायनात लग जाए।
फिर मिलेंगे तो उनसे पूछेंगे सच जिन्हें सपनों से भरमा रहा है कोई फिर मिलेंगे तो उनसे पूछेंगे सच जिन्हें सपनों से भरमा रहा है कोई